मंडी से लड़ी जायेगी इंदौर की लडाई

आरटीआईब्यूरो ने जगाई मध्यप्रदेश के वित्त निगम के कर्मी की आस
मंडी से लड़ी जायेगी इंदौर की लडाई
डीडी न्यूज़ के जानने का हक़ प्रोग्राम से मिला ब्यूरो का पता
आरटीआई ब्यूरो ने मांगी वित्त निगम मध्यप्रदेश से सूचना
आरटीआई ब्यूरो डेस्क।
सूचना क्रांति के दौर में देश में सूचना कानून के चलते हजारों मील दूर बैठ कर भी अपने हक़ की लडाई लड़ी जा सकती है। आरटीआई ब्यूरो मंडी ने मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के रहने वाले एक शख्स के हक़ की लडाई लड़ने का फैसला कर उसकी उम्मीद को पर लगा दिए हैं। ब्यूरो ने उपाध्याय के हक़ की लडाई लड़ने की शुरुआत कर दी है।
उपाध्याय मध्यप्रदेश वित्त निगम के कर्मचारी हैं। बतौर उपाध्याय निगम में तबादला नियम नाम की नाम की कोई चीज नहीं है।
बदली हो कर निगम के साहब तो कभी घर से बाहर नहीं गए लेकिन कर्मचारियों को कालापानी तक का फरमान सुना दिया जाता है। उपाध्याय ख़ुद भी एसे ही तबादले का शिकार हुए हैं।
निगम के दोहरे मापदंडों का शिकार हुए गिरीश उपाध्याय को उस वक्त उम्मीद की किरण नजर आई जक दी दी न्यूज़ पर जानने का हक़ कार्यक्रम में उन्हें आरटीआई ब्यूरो मंडी के बारे में जानकारी मिली। सूचना अधिकार कानून को हथियार बना कर भ्रस्ताचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने वाले आर टी आई ब्यूरो मंडी की सक्सेस स्टोरी को दी दी न्यूज़ ने दो एपिसोड में प्रसारित किया था।
कार्यक्रम में प्रस्तुत ब्यूरो की मुहीम से प्रभावित हो कर उपाध्याय ने आर टी आई ब्यूरो को पत्र किख कर उसकी लडाई लड़ने की गुहार लगाई । उनके पत्र के मिलते ही आर टी आई ब्यूरो ने हिमाचल प्रदेश से ही इंदौर की लड़ाई लड़ने शुरुआत कर दी है। ब्यूरो ने वित्त निगम मध्य प्रदेश से सूचना का अधिकार कानून २००५ के तहत जानकारी हासिल करने की कवायद शुरू कर दी है।
जरूरी दस्तावेज हासिल कर ब्यूरो दोहरे मापदंडों को लेकर मध्यप्रदेश सरकार के वित्त निगम के खिलाफ मोर्चा खोलेगा ।
आर टी आई ब्यूरो के प्रदेश संयोजक लवन ठाकुर का कहना है की ब्यूरो के लिए यह बड़ी कामयाबी है और ब्यूरो इंदौर वित्त निगम के कर्मचारी की लडाई लड़ने की शुरुआत कर दी है। मध्य प्रदेश वित्त निगम से सूचना हासिल करने के बाद असली लडाई शुरू होगी।

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